फाइजर-एस्ट्राजेनेका की पहली डोज कम करती हैं 50 फीसदी खतरा, रिसर्च में हुआ खुलासा
By: Ankur Thu, 29 Apr 2021 7:27:33
कोरोना महामारी में वैक्सीनेशन का महत्वपूर्ण स्थान हैं जिससे बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाई जा सकती हैं। ऐसे में कई लोग वैक्सीन लगवाने के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं जिससे वैक्सीन पर सवाल खड़े होने लगते हैं। लेकिन इस बीच फाइजर-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर हुई रिसर्च की रिपोर्ट सामने आई हैं जिसके अनुसार इसकी पहली डोज ही 50 फीसदी खतरा कम कर देती हैं। ब्रिटेन की पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) की रिसर्च में खुलासा हुआ है कि फाइजर या एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की एक डोज जिसे लगी है, उसके संपर्क में आने वाले लोगों में संक्रमित होने की संभावना पचास फीसदी तक कम हो जाती है।
शोध में पाया गया है कि जो लोग पहली डोज लेने के तीन सप्ताह बाद संक्रमित हो गए थे, उनसे वैक्सीन डोज न लेने वाले घर के सदस्यों के संक्रमित होने की संभावना 38 से 49 प्रतिशत कम थी। पीएचई की पिछली स्टडी में अनुमान है लगाया गया कि ब्रिटेन के तेजी से टीकाकरण के कारण मार्च के अंत तक 10 हजार कम मौतें हुईं। स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा कि वैक्सीन ही जान बचाती है।’ हालांकि, अभी रिसर्च के पूरे डाटा का अध्ययन नहीं किया गया है। इस रिसर्च से एक और बड़ी बात यह सामने आई कि टीका लगवाने के बाद तो व्यक्ति संक्रमण से बचता ही है, इसके अलावा वह दूसरों को भी संक्रमित करने से बच जाता है। यानी टीका लगे व्यक्ति के द्वारा वायरस को किसी दूसरे व्यक्ति में पहुंचाने की संभावना न के बराबर होती है।
इस रिसर्च में 24,000 घरों में 57,000 से अधिक लोगों से बातचीत कर डाटा जुटाया गया है। शोध में पाया गया कि एक संक्रमित व्यक्ति को वैक्सीन लगी थी और इसको लगभग 10 लाख बिना वैक्सीन वाले केस से मिलाया गया। जिसमें निकलकर आया कि परिवार में ट्रांसमिशन जोखिम ज्यादा जाता है। ऐसे ही आने जाने और ठहरने वाले लोगों और कैदियों में संक्रमण फैलने की ज्यादा आशंका रहती है।
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